मोहित एक छोटे से गाँव का निवासी था, जिसका परिवार बहुत गरीब था। उसके पास पढ़ाई के लिए किताबें नहीं थीं और उसकी शिक्षा का सपना भी एक धुंधला सा लगता था। लेकिन मोहित के दिल में एक सपना था वह एक दिन बड़ा आदमी बनेगा और अपने परिवार की जिंदगी बदल देगा।
संकल्प की शुरुआत:
मोहित ने खुद से संकल्प किया कि वह किसी भी हाल में अपनी पढ़ाई पूरी करेगा। उसने गाँव के स्कूल में पढ़ाई शुरू की, लेकिन वहाँ की सुविधाएँ बहुत सीमित थीं। उसने अपने घर में एक पुरानी लैंप को संजीवनी माना और रात-रात भर उस लैंप की रोशनी में पढ़ाई करने लगा। उसकी पढ़ाई के लिए सबसे बड़ा साथी वही लैंप था, जिसने उसे संकल्प और प्रेरणा दी।
संघर्ष और कठिनाइयाँ:
पढ़ाई के दौरान मोहित को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। उसके पास किताबें नहीं थीं, बिजली की समस्या थी, और कई बार आर्थिक संकट भी खड़ा हो गया। लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी। वह सुबह जल्दी उठता और दिन भर खेतों में काम करता, फिर शाम को पढ़ाई करता। उसने हर बाधा को अपने संकल्प की शक्ति से पार किया।
संकल्प का फल:
मोहित की मेहनत और संकल्प का परिणाम तब मिला जब उसने अपनी कठिनाई भरी पढ़ाई के बाद एक प्रमुख परीक्षा में उत्कृष्ट अंक प्राप्त किए। उसके परिणाम ने न केवल उसकी खुद की जिंदगी बदल दी बल्कि उसके परिवार की स्थिति भी सुधारी। उसने एक प्रतिष्ठित कॉलेज में दाखिला लिया और अपनी पढ़ाई को जारी रखा।
कॉलेज में उसने अपनी लगन और मेहनत से उत्कृष्टता हासिल की और बड़े सपनों को साकार किया। आज मोहित एक सफल उद्यमी है, जिसने अपने परिवार को गरीबी से उबार दिया और पूरे गाँव के लिए प्रेरणा बन गया।
सीख:
मोहित की कहानी हमें यह सिखाती है कि संकल्प और मेहनत से बड़े से बड़े लक्ष्य भी प्राप्त किए जा सकते हैं। चाहे आपके पास कितनी भी सीमाएँ हों, अगर आपके पास दृढ़ संकल्प और काम करने की इच्छा है, तो आप किसी भी कठिनाई को पार कर सकते हैं और अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।