660 ईसा पूर्व: जापान के जन्म की ऐतिहासिक गाथा

660 ईसा पूर्व की घटनाएँ ऐतिहासिक रूप से प्रमाणित न हों, लेकिन यह दिन जापानी इतिहास और संस्कृति में गहरी जड़ें जमाए हुए है।


जब हम दुनिया की प्राचीनतम सभ्यताओं की बात करते हैं, तो जापान का नाम प्रमुख रूप से लिया जाता है। जापानी संस्कृति और इतिहास में 660 ईसा पूर्व का वर्ष अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन को जापान के निर्माण और उसके पहले सम्राट जिम्मू (Emperor Jimmu) के सिंहासन पर बैठने का समय माना जाता है। यह दिन जापान में "नेशनल फाउंडेशन डे" (National Foundation Day) के रूप में मनाया जाता है।

जापान की पौराणिक उत्पत्ति

जापानी इतिहास और पौराणिक कथाओं के अनुसार, सम्राट जिम्मू (Jimmu Tenno) जापान के पहले सम्राट थे। उन्हें सूर्य देवी अमेतरासु (Amaterasu) का वंशज माना जाता है। जापान की प्राचीन किताबें "निहोन शोकी" (Nihon Shoki) और "कोजिकी" (Kojiki) में उल्लेख मिलता है कि जिम्मू ने 660 ईसा पूर्व में जापान की नींव रखी और उसे एक संगठित साम्राज्य में बदल दिया।
सम्राट जिम्मू ने यामातो क्षेत्र (वर्तमान में नारा प्रांत) में अपनी राजधानी स्थापित की और वहाँ से जापान पर शासन किया। जापानी परंपरा के अनुसार, उन्होंने अपने शासनकाल की शुरुआत 11 फरवरी 660 ईसा पूर्व को की थी, और यही कारण है कि यह दिन जापान का राष्ट्रीय दिवस माना जाता है।

क्या यह एक ऐतिहासिक तथ्य है?

  1. इतिहासकार इस कथा को पौराणिक मानते हैं, क्योंकि इस अवधि के कोई ठोस लिखित प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं। हालाँकि, यह कहानी जापान की सांस्कृतिक और राजनीतिक पहचान के लिए महत्वपूर्ण रही है।
  1. कुछ इतिहासकारों का मानना है कि जापान का वास्तविक राजनीतिक विकास तीसरी से चौथी शताब्दी ईस्वी के दौरान हुआ, जब यामातो शासन (Yamato Rule) स्थापित हुआ। इसके बावजूद, जापानी लोग 660 ईसा पूर्व को अपनी सभ्यता की शुरुआत के रूप में मानते हैं।

नेशनल फाउंडेशन डे का महत्व

  • जापान में 11 फरवरी को "केनकोकु किनेन नो ही" (National Foundation Day) के रूप में मनाया जाता है।
  • इस दिन जापानी लोग अपने राष्ट्र की उत्पत्ति का जश्न मनाते हैं।
  • राष्ट्रीय ध्वज को सम्मान दिया जाता है और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • यह दिन जापानी राष्ट्रीय गर्व और एकता का प्रतीक माना जाता है।

भले ही 660 ईसा पूर्व की घटनाएँ ऐतिहासिक रूप से प्रमाणित न हों, लेकिन यह दिन जापानी इतिहास और संस्कृति में गहरी जड़ें जमाए हुए है। यह सिर्फ एक तिथि नहीं, बल्कि जापानी लोगों की राष्ट्रीय भावना और उनके समृद्ध अतीत का प्रतीक है।

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