Faasle-Fasala Shayari 2 Line
फासला भी ज़रूरी है चिराग रोशन करते वक्त, तजरुबा यह हाथ आया हाथ जल जाने के बाद।
शायद कि ख़ुदा में और मुझ में, इक जस्त का और फ़ासला है।
फ़ासला नज़रों का धोका भी तो हो सकता है, वो मिले या न मिले हाथ बढ़ा कर देखो।
मुहब्बत में फासला न रहे बाक़ी ऐ जान-ए-वफा, जैसे पहलू में है दिल यूँ मेरे आग़ोश में आ।
फासला इश्क़ की शिद्दत को बढ़ा देता है, इसलिए रब ने मुझे तुझसे दूर रखा है।
चंद फासला जरूर रखिए हर रिश्ते के दरमियान, क्योंकि बदलने वाले अक्सर बेहद अजीज ही हुआ करते हैं।
फासला अब भी दो क़दमों का ही है, पहले कदम कौन बढ़ाए तय ये नहीं है।
मिटाने की कोशिश तुमने भी की हमने भी की, हमने फासला और तुमने हमारा वजूद।
मुलाकातों में ज़रा फासला रखिये, बेताबियों से इश्क़ खूबसूरत होता है।
फासला तो है मगर, कोई फासला नही, मुझसे तू जुदा सही दिल से तो जुदा नही।
बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना, जहाँ दरिया समुंदर से मिला दरिया नहीं रहता।
किसे भूल जाएं किसे याद रखें मुश्किल है फैसला, दिल और दिमाग के बीच तो बहुत कम है फासला।
फ़ासले ऐसे भी होंगे ये कभी सोचा न था, सामने बैठा था मेरे और वो मेरा न था।
दिल से दिल का फासला कुछ यूँ तय हो जाए, दिल मेरा धड़के और तुझे खबर हो जाए।
फासला रखकर क्या हासिल कर लिया तुमने, रहते तो आज भी तुम मेरे दिल मे ही हो।
यूँ तो बहुत से हैं रास्तें, मुझ तक पहुंचने के, राह-ऐ-मोहब्बत से आना, फासला कम पड़ेगा।
मुहब्बतों में किसी से न कुछ गिला रखना, सिवा ख़ुदा के किसी का न आसरा रखना, ग़म और ख़ुशी के दऱख्तों में फ़ासला रखना, हमारे प्यार का गुलशन हरा भरा रखना।
हमसे आया न गया उनसे बुलाया न गया, फासला प्यार में दोनों से मिटाया न गया।
करीब आने की कोशिश तो मैं करूँ लेकिन, हमारे बीच कोई फ़ासला दिखाई तो दे।
हमारे दरमियाँ कुछ तो रहेगा, चाहे वो फ़ासला ही सही।
हमें तुमसे मिलने के लिये मीलों का नही, सिर्फ पलकों का फासला तय करना पड़ता है।
न फासला है, न रास्ता है, वो शख्स मुझी मे बसता है।
कल के बारे में ज्यादा सोचना अच्छा नहीं, चाय के कप से लबों तक का फासला है ज़िंदगी।
मसअला ये है कि उस के दिल में घर कैसे करें, दरमियाँ के फ़ासले का तय सफ़र कैसे करें।
दूरी हुई तो उस के क़रीं और हम हुए, ये कैसे फ़ासले थे जो बढ़ने से कम हुए।
उम्र का फासला कभी दिल में नहीं आया, जब इस दिल को तुमसे प्यार हुआ।
परखना मत परखने में कोई अपना नहीं रहता, किसी भी आईने में देर तक चेहरा नहीं रहता, बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फासला रखना, जहां दरिया समन्दर से मिला दरिया नहीं रहता।फासला/फ़ासले शायरी 2 लाइन
मेरी रूह का मिलन तेरी रूह से हो जाए, कुछ इस तरह मेरे लब आज तेरे लबों को छू जाए, मिटाकर हर फासला हम दोनों के दरमियां, क्यों ना आज तुम हमारे और हम तुम्हारे हो जाएं।
साफ़ साफ़ कह दो अगर कोई गिला है तो, फासला फ़ैसले से बेहतर है।
ठुकराया हमने भी बहुतों को है तेरी खातिर, तुझ से फासला भी शायद उनकी बददुआओं का असर है।
भूल जाओ तो फासला है बहुत, याद रखो तो दिल के करीब है हम।फासला/फ़ासले Status
चाँद से नजदीकियां बढ़ने लगी है, आदमी में फासला था फासला है।
फासला नज़रों का धोखा है पर्दा हटा कर तो देखो, चमकते चाँद की चाँदनी में कभी गुनगुना कर तो देखो।
कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से, ये नए मिज़ाज का शहर है ज़रा फ़ासले से मिला करो।
फासला इस लिये रखा मैंने, वो करीब था हर किसी के।फासला / फ़ासले Shayari
ना करीब आ ना तो दूर जा, ये जो फासला है यही ठीक है, ना गुज़र हदों से ना हद बता, ये जो दायरा है यही ठीक है।
मंजिलें क्या है रास्ता क्या है? हौसला हो तो फासला क्या है?
दुनिया तो चाहती है यूँही फ़ासले रहें, दुनिया के मश्वरों पे न जा उस गली में चल।
सबका ख़ुशी से फासला एक क़दम है, हर घर में बस एक ही कमरा कम है।फासला / फ़ासले शायरी 4 लाइन
कर लूं एक बार तेरा दीदार जी भर के मेरे दोस्त, मेरी मोहब्बत और तेरी नफरत के बीच का फासला खत्म हो जाएगा।
फासले बढते हैं तो गलत-फहमीयां भी बढ जाती हैं, फिर वो भी सुनाई देता है जो कहा भी ना हो।
तूने फैसले ही फासले बढाने वाले किये थे, वरना कोई नहीं था तुझसे ज्यादा करीब मेरे।Faasle-Fasala-Shayari-2-Line
आज गुमनाम हूँ तो ज़रा फासला रख मुझसे, कल फिर मशहूर हो जाऊँ तो कोई रिश्ता निकाल लेना।
छोड़ो ना ज़ख़्म और कुरेदो ना ज़िन्दगी, एक फासला ही है जिसने हमे बाँध रखा है।
कितने शिकवे गिले हैं पहले ही, राह में फ़ासले हैं पहले ही।
तेरे मेरे दरमियाँ जो फासला है, वो तेरी साजिश है या खुदा का फैसला है।